Monday, March 9, 2020

संस्कृत काव्य-ग्रन्थ - भावश्री : एक परिचय


 – डॉ.हिमांशु गौड़
भाषा - संस्कृत
प्रथम संस्करण/फरवरी २०२०
ISBN - 978-81-943558-2-3
पृष्ठ संख्या - १६०
प्रतियां - २००/
मूल्य - १२० रुपए मात्र/ 
प्रकाशन - True Humanity Foundation, Ghaziabad


फ़रवरी २०२० में प्रकाशित हुए डॉ हिमांशु गौड़ के चार संस्कृत काव्य ग्रन्थों में से एक ग्रंथ "भावश्री" के विषय में कुछ चर्चा प्रस्तुत है।


भावश्री डॉ हिमांशु गौड़ के द्वारा लिखा हुआ ऐसा संस्कृत काव्य है जिसमें लेखक ने अनेकों गुरुओं, कवियों एवं संस्कृत-मित्रों के लिए संस्कृत के विभिन्न छंदों में निबद्ध श्लोकात्मक पत्र लिखे हैं। 


वैसे देखा जाए तो पत्र तो सिर्फ नाम मात्र को है अपितु डॉ हिमांशु गौड़ ने अपनी प्रतिभा का परिचय अपने इस ग्रंथ में दिया है ।


अनेक परिस्थितियों, घटनाओं , दृश्यों को देखकर जीवन की विडंबना को , जीवन के सौभाग्य को, जीवन के दुखों को , एवं जीवन के विविध पक्षों को देखकर कवि के स्वयं के मन में क्या मौलिक चिंतन उठा एवं शास्त्र ज्ञान से ओतप्रोत एवं कल्पना के धनी कवि ने उसका किस प्रकार उपस्थापन किया - यह बात इस भावश्री ग्रंथ में आपको जगह जगह देखने को मिलेगी ।

इसमें न सिर्फ विचार क्षमता, कल्पना क्षमता, शास्त्रीय-पक्ष-उपस्थापन की क्षमता का ही सौष्ठव है, अपितु व्याकरण-शास्त्रीय प्रयोग, अलंकार-निपुणता एवं रसों की विशिष्टता - यह सब भी काव्य को एक उच्चतम श्रेणी में रखते हैं और डॉक्टर हिमांशु गौड़ जी की प्रतिभा को दर्शाते हैं।


 इस प्रकार हम देखते हैं की भावश्री नामक ग्रंथ , अनेक दृष्टियों से अपने आप में एक अलग ही सम्मानपूर्ण, वैदुष्यपूर्ण , भावपूर्ण होते हुए संस्कृत काव्य की दुनिया में एक अलग ही स्थान रखता है।

 इसमें 811 श्लोक हैं। कवि के मन की विचित्रता, चित्त की रंजकता, हृदय की आह्लादकता, एवं हार्दिकता इस काव्य में आपको देखने को मिलेगी।

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