Author: Dr.Himanshu Gaur
First Edition: February 2020
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काव्यश्रीः (KaavyShrih) -
डॉ.हिमांशु गौड़ द्वारा मौलिक रूप से विरचित एक ऐसा संस्कृत काव्य ग्रंथ है जिसमें चार भाग हैं । इसके पहले भाग में छंदोबद्ध संस्कृत कविताएं हैं , दूसरे भाग में संस्कृत गीतों का संग्रह, तीसरे भाग में गद्य-काव्य का संकलन है एवं चौथे भाग में कुछ दीर्घकाव्य-श्लोकों का संकलन है । इस काव्य ग्रंथ में कवि ने अपनी प्रतिभा एवं मौलिक चिंतन का परिचय देते हुए विभिन्न विषयों पर कविताएं लिखी हैं । इस प्रकार से यह संस्कृत भाषा का बहुत ही महत्वपूर्ण एवं सरस, भावपूर्ण एवं ज्ञानपूर्ण काव्य-ग्रंथ है।
रचयिता – डॉ.हिमांशु गौड़
भाषा - संस्कृत
प्रथम संस्करण/फरवरी २०२०
ISBN - 978-81-943558-1-6
पृष्ठ संख्या - १०५
प्रतियां - २००/
मूल्य - १०० रुपए मात्र
प्रकाशक - True Humanity Foundation
Ghaziabad
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वन्द्यश्रीः (VandyaShrih) - यह एक ऐसा संस्कृत काव्यग्रंथ है , जिसमें कवि ने वंदन और अभिनंदनपरक छंदोबद्ध संस्कृत-काव्य लिखे हैं ! इसमें पांच पल्लव (खंड) हैं, जिनमें अष्टकादि स्तुति-काव्य, कुछ लोगों के लिए श्लोकात्मक जन्मदिन-शुभकामना-संदेश, विविधकाव्यखण्ड, विद्वानों एवं महात्माओं का अभिनंदन एवं कुछ दिवङ्गत (मृत) लोगों के लिए श्रद्धांजलि संस्कृत-श्लोकों के रूप में लिखी गईं है । यद्यपि यह वंदना,अभिनंदन और श्रद्धाञ्जलि सम्बन्धी काव्य है, लेकिन फिर भी इसमें अनेक शास्त्र, पुराण आदि से संबंधित तथ्य एवं कवि के स्वयं की मौलिक दृष्टि एवं चिंतन प्राप्त होता है।
रचयिता – डॉ.हिमांशु गौड़
भाषा - संस्कृत
प्रथम संस्करण/फरवरी २०२०
ISBN - 978-81-943558-3-0
पृष्ठ संख्या - ११५
प्रतियां - २००/
मूल्य - ११० रुपए मात्र/
प्रकाशक - True Humanity Foundation
Ghaziabad
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भावश्रीः (BhaavShrih) - यह एक ऐसा ग्रंथ है जिसमें कवि ने बहुत से विद्वानों, मित्रों, कवियों को संस्कृत श्लोकात्मक भावपरक पत्र लिखें हैं । चूंकि इस ग्रन्थ में कवि की भावना रूपी श्री (समृद्धि) है इसलिए इस काव्य का नाम भावश्री है । इस ग्रन्थ के श्लोकों में विभिन्न प्रकार के विषयों की चर्चा है । शास्त्र एवं जगत् के आनंद से भरा हुआ यह एक विद्वत्तापूर्ण ग्रंथ है , जो कवि के मन की विभिन्न भावनाओं को प्रकट करता है एवं कवि की अनेक शास्त्रों, विषयों एवं परिस्थितियों में विचार करने की क्षमता को दर्शाता है । इस ग्रंथ में अनेक प्रकार के छंद, रस , अलंकार आदि का प्रयोग किया गया है । इस प्रकार यह एक सरस और सरल होता हुआ भी वैदुष्यपूर्ण और पढ़ने योग्य ग्रंथ है।
रचयिता – डॉ.हिमांशु गौड़
भाषा - संस्कृत
प्रथम संस्करण/फरवरी २०२०
ISBN - 978-81-943558-2-3
पृष्ठ संख्या - १६०
प्रतियां - २००/
मूल्य - १२० रुपए मात्र/
Language: Sanskrit
प्रकाशक - True Humanity Foundation
Ghaziabad
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पितृशतकम् (PitriShatkam) - यह डॉ. हिमांशु गौड़ द्वारा विरचित संस्कृत के सौ श्लोकों का भावपूर्ण काव्य है । इसके सौ श्लोकों में पिता संबंधी चर्चा की गई है । इसमें पिता-पुत्र के रिश्ते को दर्शाया गया है एवं पिता की महिमा का बखान किया गया है । यह एक श्रद्धांजलि-परक काव्य है । यह पिता-पुत्र के रिश्ते में प्रेम और विश्वास भरने वाला काव्य है। इस काव्य में अनेक प्रकार के रस, छंद और अलंकार हैं , एवं यह पूर्णतः मौलिक है और पिता के प्रति आदर, प्रेम,विश्वास से भरा हुआ एक प्रेरणादायक काव्य है।
रचयिता – डॉ.हिमांशु गौड़
भाषा - संस्कृत (हिन्दी भावार्थ सहित)
प्रथम संस्करण/फरवरी २०२०
ISBN - 978-81-943558-4-7
पृष्ठ संख्या - ५५
प्रतियां - २००/
मूल्य - ५० रुपए मात्र/
प्रकाशक - True Humanity Foundation
Ghaziabad
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#Bhavshri #Vandyshri #Kavyshri #Pitrishatkam
#भावश्री #वन्द्यश्री #काव्यश्री #पितृशतकम्
बहुत बढ़िया
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ReplyDeleteजयतु आचार्य
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