Tuesday, May 4, 2021

|| भृगुवल्ली उपनिषद् || आचार्य नवीन तिवारी ||

 हमारी भारतीय संस्कृति में उपनिषदों का बहुत महत्व है । ये हमें अध्यात्म के नए आयाम देते हैं । इसी प्रकार सभी उपनिषदों में तैत्तिरीय उपनिषद् का विशेष महत्व है , इस उपनिषद में पांच वल्ली हैं, जिनमें से ही एक है भृगुवल्ली। इसे भृगुवल्ली उपनिषद् भी कहते हैं। इस उपनिषद् में अध्यात्म संबंधी विशिष्ट बातें बताई गई हैं । प्राणमय, मनोमय,अन्नमय आदि 5 कोशों को पार करने के बाद मनुष्य उस आत्मा को जान पाता है । इस बात का इसी वल्ली में विवेचन मिलता है इस आत्मा को ही सामवेद अपनी वाणी में - हा३ वु हा३ वु हा३ वु - ऐसी ध्वनि से व्यक्त करता है । इस आत्मा का ज्ञान सभी मनुष्यों के लिए बड़ा आवश्यक है । इस प्रकार भृगुवल्ली उपनिषद् में जीवन के गूढ़ रहस्य तथा ब्रह्म आत्मा की एकता के विषय में बताया गया है आचार्य नवीन तिवारी ने इस उपनिषद् पर अपनी सरल हिंदी भाषा में व्याख्या लिखी है। यह सन् 2019 में प्रकाशित हो चुकी है। सभी के पढ़ने योग्य बहुत ही उपयोगी ग्रंथ।